1. लाल किला (Red Fort)
पुरानी दिल्ली के केंद्र में स्थित लाल किला, मुगल वास्तुकला का एक अद्भुत नमूना है। 17वीं शताब्दी में मुगल सम्राट शाहजहां द्वारा निर्मित यह भव्य किला लाल बलुआ पत्थर से बना है, जो इसे इसका विशिष्ट नाम देता है। इसकी विशाल दीवारें, सुंदर महल जैसे रंग महल, खास महल, और दीवान-ए-आम व दीवान-ए-खास, मुगलकालीन शान-ओ-शौकत की गवाही देते हैं। हर साल स्वतंत्रता दिवस पर भारत के प्रधानमंत्री यहीं से राष्ट्रीय ध्वज फहराते हैं, जो इसे राष्ट्रीय गौरव का प्रतीक बनाता है।
2. कुतुब मीनार (Qutub Minar)
दक्षिण दिल्ली के महरौली में स्थित कुतुब मीनार, भारत की सबसे ऊंची ईंटों से बनी मीनार है और यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थलों में से एक है। 73 मीटर ऊंची यह मीनार कुतुबुद्दीन ऐबक द्वारा 12वीं शताब्दी में शुरू की गई थी और बाद में इल्तुतमिश और फिरोज शाह तुगलक द्वारा पूरी की गई। इसके परिसर में कुव्वत-उल-इस्लाम मस्जिद और लौह स्तंभ जैसे अन्य ऐतिहासिक स्मारक भी हैं, जो इसकी भव्यता को और बढ़ाते हैं।
3. इंडिया गेट (India Gate)
नई दिल्ली के कर्तव्यपथ पर स्थित इंडिया गेट एक विशाल युद्ध स्मारक है। यह प्रथम विश्व युद्ध और अफगान युद्ध में शहीद हुए भारतीय सैनिकों की याद में बनाया गया था। 43 मीटर ऊंचा यह स्मारक पेरिस के आर्क डे ट्रॉयम्फ से प्रेरित है और लाल व पीले बलुआ पत्थरों से बना है। इसकी अमर जवान ज्योति, उन वीर सैनिकों को श्रद्धांजलि देती है जिन्होंने देश के लिए अपने प्राणों का बलिदान दिया।
4. हुमायूं का मकबरा (Humayun's Tomb)
यह मकबरा मुगल सम्राट हुमायूं की कब्रगाह है और मुगल वास्तुकला का एक उत्कृष्ट उदाहरण है। इसे हुमायूं की विधवा हमीदा बानो बेगम ने बनवाया था। यह मकबरा चारबाग शैली में बना पहला मकबरा है और माना जाता है कि इसने ताजमहल के डिजाईन की प्रेरणा दी। इसके आसपास हरे-भरे बगीचे और अन्य छोटे मकबरे इसकी सुंदरता को बढ़ाते हैं। यह भी यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थलों में शामिल है।
5. लोटस टेंपल (Lotus Temple)
दक्षिण दिल्ली में स्थित लोटस टेंपल एक बहाई उपासना मंदिर है, जो अपनी कमल जैसी अनूठी वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध है। यह मंदिर किसी विशेष धर्म से जुड़ा नहीं है और यहां सभी धर्मों के लोग शांति और ध्यान के लिए आ सकते हैं। 27 संगमरमर की पंखुड़ियों से बना यह मंदिर आधुनिक वास्तुकला का एक शानदार नमूना है और इसे 20वीं सदी का ताजमहल भी कहा जाता है।
6. जामा मस्जिद (Jama Masjid)
पुरानी दिल्ली में लाल किले के पास स्थित जामा मस्जिद भारत की सबसे बड़ी मस्जिदों में से एक है। मुगल सम्राट शाहजहां द्वारा निर्मित यह मस्जिद 1656 में पूरी हुई थी। इसके विशाल गुंबद, ऊंची मीनारें और विशाल प्रांगण इसे एक भव्य स्वरूप प्रदान करते हैं। यहां से पुरानी दिल्ली का मनोरम दृश्य देखा जा सकता है, खासकर सूर्यास्त के समय।
7. लोदी गार्डन्स (Lodi Gardens)
लोदी गार्डन्स मध्य दिल्ली में स्थित एक ऐतिहासिक पार्क है, जिसमें 15वीं और 16वीं शताब्दी के लोदी राजवंश के कई मकबरे और मस्जिदें हैं। यह पार्क सुबह की सैर, योग और पिकनिक के लिए एक लोकप्रिय स्थान है। सिकंदर लोदी का मकबरा, मोहम्मद शाह का मकबरा, और शीश गुंबद यहां के प्रमुख आकर्षण हैं। यह इतिहास और प्रकृति का एक सुंदर मिश्रण है।
8. जंतर मंतर (Jantar Mantar)
कनॉट प्लेस के पास स्थित जंतर मंतर 18वीं शताब्दी में महाराजा जयसिंह द्वितीय द्वारा निर्मित एक खगोलीय वेधशाला है। इसमें विभिन्न प्रकार के खगोलीय उपकरण हैं, जो समय, ग्रहों की स्थिति और अन्य खगोलीय पिंडों की गति को मापने के लिए उपयोग किए जाते थे। यह प्राचीन भारत की वैज्ञानिक प्रगति का एक अद्भुत उदाहरण है।
9. हौज खास विलेज (Hauz Khas Village)
दक्षिण दिल्ली में स्थित हौज खास विलेज इतिहास और आधुनिकता का एक अनूठा मिश्रण है। यहां मध्यकालीन खंडहरों के साथ-साथ ट्रेंडी कैफे, बुटीक और आर्ट गैलरी भी हैं। अलाउद्दीन खिलजी द्वारा निर्मित एक पानी का टैंक और मदरसा के खंडहर यहां के प्रमुख ऐतिहासिक स्थल हैं। यह युवाओं और कलाकारों के लिए एक पसंदीदा hangout spot है।
10. अक्षरधाम मंदिर (Akshardham Temple)
पूर्वी दिल्ली में स्थित अक्षरधाम मंदिर स्वामिनारायण संप्रदाय को समर्पित एक विशाल और भव्य मंदिर परिसर है। यह दुनिया के सबसे बड़े हिंदू मंदिरों में से एक है और इसकी वास्तुकला, नक्काशी और आध्यात्मिक प्रदर्शनियां अत्यंत प्रभावशाली हैं। परिसर में एक नाव की सवारी, एक सांस्कृतिक फिल्म और एक संगीतमय फव्वारा शो भी शामिल है, जो इसे एक पूर्ण पारिवारिक अनुभव बनाता है।
दिल्ली एक ऐसा शहर है जो हर कोने में एक नई कहानी छुपाए हुए है। इन 10 स्थानों की यात्रा करके आप दिल्ली के समृद्ध इतिहास, विविध संस्कृति और जीवंत आधुनिकता का अनुभव कर सकते हैं।
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